खरगे ने क्यों कहा, “झूठ बोलकर युवाओं के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं पीएम मोदी”

खरगे ने क्यों कहा, “झूठ बोलकर युवाओं के जख्मों पर  नमक छिड़क रहे हैं पीएम मोदी”

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनके आठ करोड़ नई नौकरियां पैदा करने वाले बयान को लेकर निशाना साधा और उन पर ‘एक के बाद एक झूठ बोलकर युवाओं के जख्मों पर नमक छिड़कने’ का आरोप लगाया।

उनका यह हमला प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पिछले सप्ताह इस बात पर जोर दिए जाने के बाद आया है कि पिछले तीन-चार वर्षों में आठ करोड़ नई नौकरियों के सृजन ने बेरोजगारी के बारे में फर्जी बातें फैलाने वालों को ‘खामोश’ कर दिया है।

रोजगार पर भारतीय रिजर्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने स्थिरता और विकास को प्राथमिकता दी है और कहा कि छोटे और बड़े निवेशकों ने एनडीए के तीसरे कार्यकाल का उत्साहपूर्वक स्वागत किया है। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में खड़गे ने कहा, “नरेंद्र मोदी जी, नौकरियों पर एक के बाद एक झूठ बोलकर आप युवाओं के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं!”

इसीलिए हम आपसे RBI के संदिग्ध आंकड़ों के बारे में तीन सवाल पूछना चाहते हैं – ऐसा क्यों है कि आपने 10 साल में 20 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन 12 करोड़ से ज़्यादा नौकरियां छीन लीं? RBI की रिपोर्ट के मुताबिक 2012 से 2019 के बीच रोज़गार में 2.1 करोड़ की बढ़ोतरी हुई, लेकिन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की रिपोर्ट कहती है कि यह बढ़ोतरी सिर्फ़ 2 लाख है। दरअसल, दोनों रिपोर्टों का मुख्य स्रोत सरकारी PLFS सर्वे ही है। तो फिर सच्चाई क्या है,” उन्होंने पूछा।

खरगे ने कहा, क्या यह सच नहीं है कि आरबीआई रिपोर्ट के स्रोत सरकारी पीएलएफएस डेटा के अनुसार, 37 प्रतिशत कामकाजी महिलाओं को भुगतान नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 43 प्रतिशत के भयावह स्तर पर है। कांग्रेस नेता ने पूछा, “क्या यह सच नहीं है कि सरकार के अपने वार्षिक सर्वेक्षण असंगठित क्षेत्र उद्यम (एएसयूएसई) के अनुसार, अनौपचारिक विनिर्माण क्षेत्र ने नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और कोविड-19 के तिहरे प्रभाव के कारण सात वर्षों में 54 लाख नौकरियां खो दीं।”

उन्होंने कहा, “भले ही आरबीआई के आंकड़ों पर विश्वास किया जाए, यह खुशी की बात नहीं है कि कारखाने के मजदूर, शिक्षक, छोटे दुकानदार आदि जैसे लोग, जो महामारी के कारण अपने गांवों में चले गए थे, उन्हें खेतिहर मजदूर के रूप में काम करना पड़ रहा है। खड़गे ने कहा, “आरबीआई की रिपोर्ट से पता चलता है कि 2019-20 और 2022-23 के बीच 2.3 करोड़ ऐसे लोग हैं जो अपनी नियमित नौकरियों पर नहीं लौटे।”

कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि आरबीआई ने 2023-24 के अपने आंकड़े कैसे निकाले, क्योंकि उसने सेक्टर-वार ब्योरा नहीं दिया, जो उसने पिछले वर्षों में किया था। उन्होंने कहा, “मोदी जी, आरबीआई का दुरुपयोग करके और फर्जी रिपोर्ट प्रकाशित करके प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियां देने के वादे को छिपाना बंद करें।”


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