EAC-PM की रिपोर्ट पर बवाल, विपक्ष ने पूछा “बिना जनगणना कैसे गिन लिए हिन्दू-मुस्लिम”

नई दिल्ली। पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की रिपोर्ट में आबादी को लेकर किये गए खुलासे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस शुरू हो गई है। लोकसभा चुनावो के बीच आई इस रिपोर्ट पर विपक्ष ने कई सवाल खड़े किये हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 1950 से 2015 के दौरान देश में हिंदुओं की आबादी घटी है और मुसलमानों की बढ़ी है।
ईएसी रिपोर्ट के अनुसार, ईसाई आबादी का हिस्सा 2.24 प्रतिशत से बढ़कर 2.36 प्रतिशत हो गया – 1950 और 2015 के बीच 5.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीँ सिख आबादी का हिस्सा 1950 में 1.24 प्रतिशत से बढ़कर 2015 में 1.85 प्रतिशत हो गया – उनके हिस्से में 6.58 प्रतिशत की वृद्धि। यहां तक कि बौद्ध आबादी की हिस्सेदारी में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो 1950 में 0.05 प्रतिशत से बढ़कर 0.81 प्रतिशत हो गई।
दूसरी ओर, भारत की जनसंख्या में जैनियों की हिस्सेदारी 1950 में 0.45 प्रतिशत से घटकर 2015 में 0.36 प्रतिशत हो गई। भारत में पारसी आबादी की हिस्सेदारी में 85 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई, जो 1950 में 0.03 प्रतिशत से 2015 में 0.004 प्रतिशत तक कम हो गई।
आबादी को लेकर पीएम आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “आज हिंदुओं की आबादी सरकारी आकड़ों के मुताबिक 79% है लेकिन अप्रत्यक्ष 70% पर आ गया है। मुसलमानों की आबादी 8% से बढ़कर 14%-15% पर पहुंच गई और गैर सरकारी आंकड़े 20% से अधिक है। इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है, बिहार में RJD, कम्युनिस्ट जिम्मेदार है। इन्होंने वोट बैंक की राजनीति की… ये भारत के लोकतंत्र के लिए खतरा है। पाकिस्तान में हम 22% थे घटकर 1% से नीचे चले आए। “
वहीँ इंडिया गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के नेता मुकेश सहनी ने इस रिपोर्ट को ख़ारिज करते हुए कहा कि हम “हम दो, हमारे दो” को मानते हैं, जिसे जनसंख्या बढ़ानी है, उनको किसी ने रोका नहीं है।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं की जनसंख्या कम होने के विषय पर उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय नहीं है। मेरा मानना है कि परिवार जितना छोटा होगा, उतना सुखी होगा और जितना बड़ा होगा, उतनी परेशानी होगी। सहनी ने कहा कि केवल बच्चों को पैदा कर छोड़ देना ठीक नहीं है, उनकी देखभाल जरूरी है।
राष्ट्रीय जनता दल के राज्य सभा सांसद मनोज झा ने रिपोर्ट के आधार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब देश में जनगणना हुई ही नहीं है, तो आखिर ये आंकड़े कहां से सामने आए।
उन्होंने कहा कि कौन इस रिपोर्ट पर यकीन करेगा। मनोज झा ने आरोप लगाया कि मंडल आयोग से ध्यान हटाने के लिए इस तरह की बातें कहीं जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक शैक्षणिक आधार पर आरक्षण है। मंडल आयोग में 3745 जातियां पिछड़ी जाति है। गैर-हिंदू के बीच शैक्षणिक पिछड़ापन हिंदुओं की ही तरह है।
उन्होंने कहा कि पीएम चुनाव को मुद्दों पर लड़ने में हार रहे हैं, तो ऐसी बात कर रहे हैं। चुनाव हार रहे हैं, इसलिए गलतबयानी कर रहे हैं। काफी झूठ बोल रहे हैं। PM मंडल आयोग की रिपोर्ट को पढ़ें।
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