IAS पूजा खेडकर ने UPSC FIR पर कहा, ‘न्यायपालिका अपना काम करेगी’
मुंबई। संघ लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को 2023 बैच की IAS अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ “अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करने” के आरोप में FIR दर्ज की। शासी निकाय द्वारा सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं/चयनों से वंचित करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया।
वाशिम में सरकारी विश्राम गृह के बाहर एकत्रित पत्रकारों से खेडकर ने कहा, “न्यायपालिका अपना काम करेगी; जो भी होगा, मैं उसका जवाब दूंगी।” इस महीने की शुरुआत में उन्होंने वाशिम में ड्यूटी ज्वाइन की थी।
अपने चयन पर विवाद के बीच, खेडकर आज वाशिम से बाहर चली गईं। इसके तुरंत बाद ही UPSC ने उनके खिलाफ कई कार्रवाई शुरू कीं, जिसमें पहचान को गलत तरीके से पेश करके सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने के लिए पुलिस केस दर्ज करना भी शामिल है। नागपुर रवाना होने से पहले उन्होंने मीडिया को आश्वासन दिया, “मैं जल्द ही वापस आऊंगी।”
कुछ दिन पहले, पुणे के जिला कलेक्टर सुहास दिवासे द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को उनके आचरण की रिपोर्ट दिए जाने के बाद, खेडकर को पुणे से वाशिम में अतिरिक्त सहायक कलेक्टर के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया था।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने खेडकर के खिलाफ “अपनी पहचान गलत बताने” के आरोप में एफआईआर दर्ज की है और उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यूपीएससी के अनुसार, “सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के दुर्व्यवहार की विस्तृत और गहन जांच” की गई है।
यूपीएससी ने आरोप लगाया कि आईएएस खेडकर ने “अपना नाम, अपने पिता और माता का नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी पहचान को गलत बताते हुए परीक्षा नियमों के तहत स्वीकार्य सीमा से अधिक प्रयास किए।”
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