सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप, फिर आंदोलन की राह पर किसान

नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने एमएसपी को क़ानूनी गारंटी और ऋण माफ़ी की अपनी पुरानी मांगो को लेकर केंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए फिर से आंदोलन शुरू करने का एलान किया है। इतना ही नहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी मांगों के समर्थन में पीएम नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को ज्ञापन देने का भी एलान किया है।
गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए किसान संगठनो के नेताओं ने कहा कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा और लोकसभा दोनों के सांसदों से मिलने और उन्हें किसानों की मांगों को सूचीबद्ध करने वाला ज्ञापन देने के लिए 16 जुलाई से 18 जुलाई के बीच समय मांगा जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस बार भी आंदोलन के तहत किसान दिल्ली मार्च करेंगे। इस पर किसान नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा, “हर बार विरोध का एक ही तरीका इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है। इस बार हम पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
किसान नेताओं ने दावा किया कि किसान आंदोलन के कारण हाल के लोकसभा चुनावों में भाजपा को विभिन्न राज्यों में 159 ग्रामीण बहुल संसदीय क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अपनी मांगो के समर्थन में फिर से आंदोलन शुरू करने के तहत वे ज्ञापन सौंपने के लिए 16, 17 या 18 जुलाई को लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के साथ-साथ मोदी और गांधी से मिलने का समय मांगेंगे।
संगठन के नेताओं ने कहा कि 9 अगस्त को एसकेएम अपनी मांगों के समर्थन में देश भर में प्रदर्शन करके “भारत छोड़ो दिवस” को “कॉरपोरेट्स भारत छोड़ो दिवस” के रूप में मनाएगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जारी एक बयान में एसकेएम ने कहा, “आम सभा ने 9 दिसंबर, 2021 को केंद्र सरकार और एसकेएम के बीच हुए समझौते के क्रियान्वयन की मांग को लेकर आंदोलन फिर से शुरू करने का फैसला किया है, जिस पर भारत सरकार के कृषि विभाग के सचिव ने हस्ताक्षर किए हैं और किसानों की आजीविका को प्रभावित करने वाली अन्य प्रमुख मांगें हैं।”
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