एलोपैथी के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन मामले में आयुष मंत्रालय ने सुप्रीमकोर्ट में दिया हलफनामा

एलोपैथी के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन मामले में आयुष मंत्रालय ने सुप्रीमकोर्ट में दिया हलफनामा

नई दिल्ली। एलोपैथी के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि 2018 से लेकर अबतक 36,040 शिकायतें दर्ज हुई हैं। अब तक 354 भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ करवाई हुई है।

हलफनामे में कोर्ट को बताया गया है कि अब तक देशभर से मिली शिकायतों में राजस्थान में सबसे ज्यादा 206 भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने कार्रवाई की है, जबकि मामला दर्ज होने के मामले में तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 4230 मामले दर्ज किए गए हैं।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामला सिर्फ एक संस्था तक सीमित नहीं रखा जाएगा। इतना ही नहीं कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि भ्रामक विज्ञापन के जरिए उत्पाद बेचकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाली कंपनियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की? कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से पूछा था कि एलोपैथी डॉक्टर खास ब्रांड की महंगी दवाइयां अपने पर्चे में क्यों लिखते हैं?

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की पीठ ने केंद्र से एक हलफनामा दाखिल कर उन कंपनियों के खिलाफ उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा जो 2018 से भ्रामक स्वास्थ्य उपचार विज्ञापन जारी कर रही हैं।


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