अपने बयानों से अपनी ही पार्टी की किरकिरी कराते रहे हैं सैम पित्रोदा

अपने बयानों से अपनी ही पार्टी की किरकिरी कराते रहे हैं सैम पित्रोदा

नई दिल्ली। चुनाव के मौके पर कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपनी पार्टी के बयान वीरों पर लगाम कसने की है। पिछले कई चुनावो में देखने में आया है कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अपने बयानों से चुनाव में पार्टी को बड़ा झटका दिया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर और सैम पित्रोदा ने अपने बयानों से न केवल पार्टी की किरकिरी कराई है बल्कि इन नेताओं ने अपने बेवजह के बयानों से पार्टी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।

कांग्रेस के बयानवीरों में एक बड़ा नाम सैम पित्रोदा का है। इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा की गिनती कांग्रेस के चाणक्यों में होती है। वे काफी लंबे समय से गांधी परिवार और कांग्रेस से जुड़े रहे हैं लेकिन इसके बावजूद कई मौकों पर उनके बयानों से पार्टी को गहरा आघात पहुंचा है।

लोकसभा चुनाव शुरू होते ही सैम पित्रोदा ने एक ऐसा बयान दिया जिसे बीजेपी ने चुनावी तीर के तौर पर इस्तेमाल किया है। पीएम मोदी कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर जो आरोप लगा रहे थे उसी को आधार बनाकर सैम पित्रोदा ने एक ऐसा बयान दे दिया कि बीजेपी को कांग्रेस को घेरने के लिए एक और मौका मिल गया।

पित्रोदा ने अमेरिका में प्रचलित विरासत कर की अवधारणा के बारे में बोलते हुए एक विवादित बयान दिया। हालांकि उन्होंने अपने बयान में अमेरिका का हवाला देते हुए बात कही थी।

पित्रोदा ने कहा था, “अमेरिका में, विरासत कर है। यदि किसी के पास 100 मिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 प्रतिशत अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55 प्रतिशत सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प कानून है। इसमें कहा गया है आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।”

पित्रोदा के इस विवादित और अनावश्यक बयान की क्षति पूर्ति में जुटी कांग्रेस अभी संभल भी नहीं पाई थी कि पित्रोदा ने एक और विवादित बयान दे दिया है। इस बार पित्रोदा ने भारत के अलग अलग राज्यों के लोगों की तुलना अलग अलग देश के लोगों से की है।

एक अख़बार को दिए अपने इंटरव्यू में पित्रोदा ने कहा, “हम 75 वर्षों से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं, जहां लोग यहां-वहां के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं। हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एकजुट कर सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरे जैसे दिखते हैं और शायद दक्षिण के लोग अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं।”

पित्रोदा के इस बयान को बीजेपी ने कांग्रेस पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिये हैं। भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “यह बार-बार स्पष्ट हो जाता है कि सैम पित्रोदा भारत के बारे में क्या समझते हैं। यह स्पष्ट है कि वह असफल हैं। वह देश को नहीं समझते हैं। वह राहुल गांधी के सलाहकार हैं। मैं अब समझ सकता हूं कि राहुल गांधी बकवास क्यों करते हैं। यह हार की हताशा है। वे न तो भारत को समझते हैं और न ही इसकी विरासत को।”

ऊलजलूल बयानों के चलते बुधवार को कांग्रेस ने सैम पित्रोदा से अपना पीछा छुड़ा लिया है। सैम पित्रोदा ने इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दिया है। जिसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से स्वीकार कर लिया है।


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